भरत मिलाप का किया गया मंचन

न्यूज़ 22 इंडिया
रिपोर्ट-सचिन गुप्ता
सिरौलीगौसपुर बाराबंकी
धीरे-धीरे भगवान अयोध्या की ओर अग्रसर थे। शाम ढल रही थी। लगभग 8 बजे होंगे कि तभी बदोसराय चौराहे पर भरत मिलाप लीला बैंड बाजों की धुन के बीच जय श्री राम जय श्री राम का उद्घोष सुनाई देता है।

देखते ही देखते पल भर में भगवान श्री राम, माता जानकी, अनुज लक्ष्मण, सुग्रींव, हनुमान सहित समूचा रामदरबार विमान में सवार दिखाई देता है।पूरा चौराहा श्रद्धालुओं से खचाखच भरा है।

हनुमान अयोध्या जा कर राजा भरत व शत्रुघ्न को प्रभु श्रीराम के आगमन की सूचना देते हैं। सूचना मिलनी थी कि भरत व शत्रुघ्न नंगे पांव दौड़ पड़ते हैं अग्रज राम से मिलने। भरत व शत्रुघ्न पहुंचते हैं। मंच पर दोनों भाई हौले-हौले चढ़ते हैं।

प्रभु को दूर से प्रणाम करते हैं और साष्टांग दंडवत करते हैं। उधर 14 साल से भाइयों से बिछुड़े भगवान श्री राम और लक्ष्मण दौडते हुए मंच पर आते हैं और दोनों भाइयों को उठा कर गले से लिपटा लेते हैं। यह वह क्षण है जब वक्त थम सा जाता है।

चारों दिशाओँ से अमृत वर्षा होती है। नेत्र सजल हो उठते हैं। क्षण भर को हर शख्स भावुक हो उठता है। महिला श्रद्धालुओं के नेत्र सजल हो उठते हैं। इस बीच श्री राम पहले भरत और लक्ष्मण, शत्रुघ्न से गले मिलते हैं, फिर श्री राम और शत्रुघ्न व लक्ष्मण व भरत का मिलन होता है।

गोस्वामी तुलसी दास कृत राम चरित मानस की चौपाइयों, दोहों और सोरठों के गान होते हैं। व्यास मंडली के इस सुमधुर गान से पूरा वातावरण राम मय हो जाता है। फिर मिलन के बाद भगवन् श्री राम, राजा भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न व माता जानकी सहित पूरी वानरी अयोध्या के लिए प्रस्थान करते हैं।

यही है वह क्षण भर की लीला जिसे देखने के लिए, कम से कम साल भर यानी अगले साल तक के नयनों में बसा लेने के लिए की तादाद में श्रद्धालु यहां आते हैं। यह अद्भुत नजारा होता है। इस अनोखे पल के लिए लोग शाम से ही टकटकी लगाए बैठे रहते हैं।

Loading

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: