सरयू नदी में अचानक बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन हुआ सतर्क

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-शिवशंकर तिवारी
रामसनेहीघाट बाराबंकी
सरयू नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि के चलते सिकरीजीवल,सेमरी,उमरहरा,ढेमा गुनौली तथा कोयलावर गांव के अंदर पानी घुसने से हड़कंप मच गया

आनन-फानन में प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को गांव से बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरयू  नदी की बाढ़ से निपटने के लिए रानीमऊ, खजूरी तथा कमियार मे बनाई गई बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है ।

उप जिलाधिकारी विजय कुमार द्विवेदी तहसीलदार दयाशंकर त्रिपाठी के साथ गुरुवार को नाव द्वारा कोयलावर गांव पहुंच कर लोगों से सुरक्षा के लिहाज से गांव के बाहर सुरक्षित निकल जाने की अपील की गई

इस मौके पर आधा दर्जन से अधिक नाव लगाकर ग्रामीणों को बाहर निकालकर खैरा तटबंध पर बने बाढ़ राहत केंद्र पर पहुंचाया गया जहां पर बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रकाश  के साथ ही भोजन व्यवस्था की गई है।

इस बीच बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए एनडीआरएफ टीम को भी बुला लिया गया जो कि राहत शिविर में पहुंचकर किसी भी आपात स्थिति के लिए मुस्तैद हो गए।

बुधवार को ही बाढ़ का खतरा भापकर हो गई थी तैयारी शुरू

बनबसा बांध से पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद बाराबंकी जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर था इसी को देखते हुए बुधवार को ही बाढ़ चौकियों पर कर्मचारी तैनात कर दिए गए थे।

गुरुवार की सुबह पानी बढ़ने की सूचना पर एसडीएम राजस्व अधिकारियों के साथ बाढ़ क्षेत्र में पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए।

गांव में पानी भरने से जनजीवन अस्त व्यस्त
सीकरी गांव निवासी रंजीत सिंह बताते हैं कि गांव के निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है

लोग घर बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर निकल रहे हैं चारों ओर पानी भरने के कारण ना तो किसी के घर का चूल्हा जल पा रहा है और ना ही शुद्ध पेयजल ही मिल रहा है।

बढ़ते जलस्तर से मचा हड़कंप

गुरुवार की सुबह से जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण तराई क्षेत्र के गांव में हड़कंप मच गया है जहां कुछ गांव में पानी भरना शुरू हो गया है

वहीं तराई क्षेत्र के अधिकांश गांव की गन्ने व धान की फसल पानी में डूब गई है रानीमऊ निवासी मदन मिश्रा बताते हैं कि फसल डूब जाने से इस क्षेत्र का किसान पूरी तरह से तबाह हो गया है।

अभी तक जनहानि की कोई सूचना नहीं

उप जिलाधिकारी विजय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है लेकिन अभी तक किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम बुला ली गई है।

तथा बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकाल कर उन्हें पर्याप्त भोजन वह अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। तहसील क्षेत्र अंतर्गत नदी की बाढ़ से प्रतिवर्ष प्रभावित होने वाले गांव सेमरी,

पत्रा, गढी,मलदहा, कमियार, बांसगांव, असवा, मैला, लिलार ,किटूली ,कोयलावर, टिकरी, ढेमा,गुनौली, अतरसुइया, उमरहरा, पडरावा, सिकरी जीवल, काठासीत, बसंतपुर,

बेलखरा,पंसारा ,खेतासराय ,मगरौड़ा, जलालपुर तराई, सिहोरिया ,खजूरी तथा चिर्रा गांव प्रभावित होते हैं।

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