सीएचसी सूरतगंज में डॉक्टरों द्वारा की जा रही मनमानी से सरकारी दावे हो रहे फेल
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सत्यवान पाल
सूरतगंज बाराबंकी
सरकारी अस्पताल इन दिनों सरकार की तमाम दावों की पोल खोल रहे हैं. सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में दवाई देने का वादा किया था,
लेकिन एक अस्पताल में डॉक्टर द्वारा मरीजों को बाहर से दवाई मंगवाने का मामला सामने आया है। बताते चले मारीचों का आरोप है कि सीएचसी सूरतगंज के डॉक्टर कमीशन के चक्कर में मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिख रहे हैं।
स्थिति यह है कि जो दवाएं अस्पताल की मुफ्त व केंद्र में सस्ते रेट पर उपलब्ध हैं, उसी दवा को महंगा डॉक्टरों द्वारा लिखा जा रहा है।
इससे मरीजों को जेब ढीली कर इलाज कराना पड़ रहा है, वहीं सरकार द्वारा मुफ्त दवा मुहैया कराने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अस्पताल में मौजूद राहुल जो अपने 6 माह बच्चे का इलाज कराने अस्पताल गया था जिसका पर्चा बाहर से दवाई लाने का बना दिया ।
जो करीब चार माह से लागातर सीएचसी सूरतगंज से ही दवाई ला रहा है। इस सम्बंध में राहुल पुत्र बृजेश कुमार का आरोप है कि अकबर अली हर बार पर्चा बनाकर बाहर से दवाई लाने को बोल रहे है जो सोमवार को एक बार फिर बाहर से दवाई लाने को बोला जिसके पास पैसे कम थे जो थोड़ी दवाई ली
बाकी की नही ले सका जो छोटे से बच्चे को लेकर काफी परेशान था । वही अन्य मरीजों से बात करने के बाद जब सीएचसी अधीक्षक से इसके बारे में जानकारी ली गई तो हैरानी जनक तथ्य सामने आए।
हालांकि, राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को साफ कहा है कि मरीजों को पर्ची पर सिर्फ साल्ट लिखकर देने हैं, लेकिन डाक्टरों द्वारा मेडिकल स्टोरों और पैथोलाॅजी से मोटा कमीशन लेने के चक्कर में यह सब किया जा रहा है।
मरीजों की मांग है कि अस्पताल में मौजूद दवाएं ही मरीजों को लिखी जाएं। साथ ही कहा सरकारी अस्पताल में दवाओं के साथ- साथ मरीजों के टैस्ट भी बाहर से करवाए जा रहे हैं। इ
स सम्बंध में जब सीएचसी अधीक्षक राजश्री त्रिपाठी से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहाँ देखते हैं।।