बाढ़ पीड़ितों की दीपावली इस बार भी होगी बांध पर

न्यूज 22 इंडिया

रिपोर्ट-सचिन गुप्ता
बाराबंकी उत्तर प्रदेश
हर साल सैकड़ों परिवार दिवाली के दिन भी अंधेरे में रहते हैं। भले ही दीपावली पर दीप जलाने की परंपरा तिरपाल के नीचे निभाई जा रही हो मगर दिवाली का वह आनंद या परिवार नहीं ले पाते जो आमतौर पर जनमानस लेता है।

जी हां त्यौहार के इस माहौल में जब चारों ओर उल्लास और खरीदारी हो रही है तो बाढ़ पीड़ितों का दर्द सब पर भारी है।

जब हमारे संवाददाता सचिन कुमार गुप्ता ने जनपद के सरयू नदी के तलहटी क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बंधे पर बसे परिवारों का हाल-चाल लिया तो कुछ ऐसा ही दर्द सामने आया।

करीब 2 वर्ष पहले सरयू नदी की कटान में अपना घर गवाने वाले बाढ़ पीड़ित बांध पर अपना जीवन यापन कर रहे है।

घास फूस के घर में रहने वाले यह गरीब दोनों टाइम अपना चूल्हा गरम कर ले यही बहुत है। बांध पर ही विकास की रोशनी का इंतजार कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि यहां अधिकारी भी आते हैं तो सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं।

सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के टेपरा गांव के एक दर्जन से अधिक परिवार दो साल से बांध पर ही रहे हैं। दिवाली के त्योहार में भी इनकी गरीबी और मजबूरी के आगे सारे उल्लास फीके नजर आते हैं।

फोटो खिंचवाने वालों की कमी नहीं

सरयू नदी में आई अचानक बाढ़ से जहाँ नदी के किनारे निवास करने वाले इस आई बाढ़ से परेशान हैं तो वहीँ

बाढ़ पीड़ितों को बिस्कुट लाइट चना बांट उनके साथ फोटो खिंचवाने वालों की कमी नहीं है।

बाद में वही फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं और लोग अपने आपको दानदाता बता देते हैं।

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