अपने पति को जो पतन से रोकें वही है धर्मपत्नी-अजय शास्त्री

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबंकी
पत्नी वही है जो अपने पति को पतन के मार्ग पर जाने से रोके और उसे सही मार्ग दिखाएं। उक्त बात युवा मानस मर्मज्ञ अजय शास्त्री ने बाबा लालता दास जी द्वारा ब्रह्मलीन बाबा प्रेमदास जी कुटी पर आयोजित श्री रामचरितमानस सम्मेलन के पांचवे दिन कहीं।

श्री शास्त्री ने बताया कि पत्नी को धर्मपत्नी इसीलिए कहा गया है कि वह अपने पति को धर्म के मार्ग पर ले जाए एवं उसे पतन के पथ पर जाने से रोके। उन्होंने कहा कि भगवान तो वास्तव में प्रेम के भूखे हैं। भगवान पकवान नहीं बल्कि शुद्व भावो से प्रसन्न होते हैं।

क्योंकि जीवन में संबंधी भी स्वार्थ बस ही प्रेम करते हैं। जबकि भगवान का प्रेम अपने भक्तों पर अलौकिक होता है।

अजय शास्त्री ने आज श्री रामचरितमानस कथा में भगवान भोलेनाथ व माता सती के विवाह का वर्णन किया। जिसे सुनकर श्रोता जन भाव-विभोर हो गए। इस दौरान शास्त्री जी एवं पन्नालाल प्रेमी जी के द्वारा प्रस्तुत किए गए भजनों पर भी श्रोता जन झूम उठे।

इस दौरान महंत बाबा लालता दास जी महाराज ने उपस्थित भक्त जनों का आवाहन किया कि वह यज्ञ मंडप की परिक्रमा  एवं हवन जरूर करें। उन्होंने सभी भक्तजनों से आग्रह किया कि वह कार्यक्रम में अपना यथासंभव श्रम सहयोग भी प्रदान करें।

श्रीरामचरितमानस कथा में आज पांचवे दिन सिद्धनाथ त्रिपाठी, बाबा राम तीरथ दास जी, महेंद्र मिश्र, रोहित मिश्र, जितेंद्र मिश्र, अतुल सिंह,रामू प्रधान, त्यागी बाबा, बाबा राम किशोर दास, पहलवान बाबा, बाबा सालिग राम, सौरभ मिश्रा, रामदास गुप्ता,

आसाराम धीर, संत शरण तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया, सच्चिदानंद मिश्र, पवन चौरसिया, श्याम सुन्दर मिश्रा,

पूर्व सभासद श्रीमती राजवती द्विवेदी, पुजारी बाबा, डॉक्टर रामनरेश ,कनक त्रिवेदी सहित सैकड़ों महिला-पुरुष भक्तजन उपस्थित थे।

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