कलिकाल में ज्ञान और वैराग्य तरुण अवस्था को प्राप्त हुए-पंडित चन्द्र शेखर त्रिपाठी

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबंकी
कलिकाल में ज्ञान और वैराग्य तरुण अवस्था को प्राप्त हो गए । बृहस्पतिवार को मवइया गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन श्रीमद् भागवत कथा के महात्म की कथा  कथावाचक पंडित चन्द्र शेखर त्रिपाठी ने सुनाई  ।

कथा में बताया की । भक्ति देवी के ज्ञान और वैराग्य  नामक दो पुत्र हुए।जो कलिकाल में वृद्धावस्था को प्राप्त हो गये। जिससे भक्ति देवी भी बहुत ही चिंतित  थी। तभी नारद ऋषि विचरण करते हुए जा रहे थे। तब भक्ति देवी ने नारद ऋषि को संबोधित करके बुलाया। और  अपनी समस्या की निदान पूछा।

नारद ऋषि ने उनकी समस्या के निदान हेतु अनेक प्रकार के अनुष्ठान व पूजा-पाठ करवाया किंतु उन्हें कोई भी लाभ नहीं प्राप्त हुआ। तब नारद ऋषि निराश होकर स्वयं विष्णु लोक  जा रहे थे । तभी बीच में उनको सनकादिक  ऋषि मिले ।

उन्होंने  बताया  की श्रीमद् भागवत कथा श्रवण  करने से उनकी समस्या समाप्त हो जाएगी।  और ज्ञान और वैराग्य दोनों तरुण अवस्था को प्राप्त हो जाएंगे। नारद ऋषि ने भक्ति देवी तथा ज्ञान और वैराग्य को श्रीमद् भागवत कथा सुनाई।

फलस्वरूप ज्ञान और वैराग्य  तरुण अवस्था को प्राप्त हुए। इस मौके पर पंडित अनिल तिवारी,सूर्य नारायण अवस्थी,शर्मा कांत दीक्षित ,

पंडित तेज़ शंकर मिश्रा, राकेश सिंह, राम किशोर रावत आदि लोग उपस्थित रहे।

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