ब्रह्मलीन बाबा प्रेमदास कुटी पर मानस सम्मेलन के छठे दिन उमड़ा भक्ति का सैलाब

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबंकी
संतों का सत्संग बड़ा ही दुर्लभ होता है। तो सत्संग में वही जाता है जो भक्ति से युक्त होता है।

और व्यक्ति को भक्ति भी प्रभु जी की कृपा से ही मिलती है। उक्त बात मानस मर्मज्ञ सेवानिवृत्त प्रवक्ता स्वामी दीन शुक्ला ने महंत बाबा लाल दास जी द्वारा ब्रह्मलीन बाबा प्रेमदास जी की कुटी पर आयोजित मानस सम्मेलन के छठे दिन कहीं।

स्वामी दीन जी ने बताया कि भक्ति केवल संतो अथवा मुनियों या फिर पुजारियों के लिए ही नहीं बल्कि गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए भी है। बशर्ते हमें निर्मल मन से अपनी आत्मा को परमात्मा से जोड़ते रहने का पारदर्शी प्रयास करना चाहिए ।

श्री शुक्ला ने बताया कि मानस सम्मेलन में व्यक्ति भगवान की कृपा से ही पहुंचता है ।उन्होंने कहा कि कथा सुनाने वाले वक्ता से श्रेष्ठ श्रोता होते हैं। क्योंकि सुनाना सरल है और किसी की सुनना अत्यंत कठिन है।

मानस सम्मेलन में आचार्य परमानंद मिश्र ने कहा कि महाराजा दशरथ ने रघुकुल रीत का हमेशा सम्मान बनाए रखा । उन्होंने कहा की व्यक्ति को भक्ति एवं पूजन तथा आरती समर्पित भाव के साथ करनी चाहिए।

श्री राम चरित् मानस में ऐसे तमाम प्रसंग आते हैं जहां तमाम भक्तों ने समर्पण एवं सुमिरन के भरोसे भगवान का ना सिर्फ दर्शन पाया बल्कि उनकी कृपा प्राप्त करके मोक्ष  को भी प्राप्त किया। मानस सम्मेलन के छठे दिन कथा में प्रमुख रूप से पूर्व प्रधान लाखन सिंह, मोती बाबा,

आचार्य पंडित जय चंद्र तिवारी, नंद कुमार मिश्र, दिनेश कुमार, तेज कुमार सिंह, आनंद श्रीवास्तव, पन्ना लाल प्रेमी, सिद्ध नाथ त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया, श्रीमती राजवती द्विवेदी, महेंद्र मिश्र, रोहित कुमार, जितेंद्र कुमार ,

कैलाश शर्मा, श्याम सुंदर, राम नरेश गुप्ता , चंद्रिका पांडे, पवन चौरसिया, प्रहलाद राठौर, रामप्यारे दीक्षित ,अतुल सिंह सहित सैकड़ों महिला एवं पुरुष भक्तजन उपस्थित थे।

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