संयुक्त राष्ट्र अमीरात के विदेश मंत्री का सीरिया दौरा

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री की दमिश्क़ यात्रा के बारे में टीकाकार अलग अलग विचार पेश कर रहे हैं।

मगर सीरिया में यह विचार आम है कि पश्चिमी और अरब देशों ने सीरिया के ख़िलाफ़ दस साल तक भयानक साज़िशें रचीं लेकिन आज प्रतिरोधक मोर्चा का पलड़ा भारी है।

सीरियाई टीकाकार का कहना है कि सीरिया के शासन को गिराने और इस देश को बंद गली में पहुंचाने की कोशिशें नाकाम रहीं इसलिए अब वह दमिश्क़ से संपर्क के चैनल खोलने की कोशिश कर रहे हैं ताकि शायद इस तरह वे सीरिया को प्रतिरोध मोर्चे से अलग कर सकें।

इस बीच  सीरियाई सरकार ने दमिश्क के साथ संबंधों की बहाली के इच्छुक अरब देशों के लिए अपने दरवाज़े बंद नहीं किए हैं मगर उसका कहना है कि इस बारे में कोई पूर्व शर्त नहीं मानी जाएगी।

सीरियाई मंत्री ने कहा कि हम सीरिया में निवेश की अरब देशों की योजनाओं का स्वागत करते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम अपना सैद्धांतिक स्टैंड बदल देंगे।

हम अपने स्ट्रैटेजिक घटकों विशेष रूप से ईरान से सहयोग जारी रखेंगे।

बहरहाल इन दिनों सीरिया के साथ अरब देशों के रिश्तों में एक नया अध्याय देखने में आ रहा है और महसूस हो रहा है कि आने वाले दिनों में अरब लीग में सीरिया की सदस्यता बहाल कर दी जाएगी।

सीरियाई इसे एक बड़ी सफलता मानते हैं। सीरिया पर इस्राईल की ओर से जारी हमले भी वर्तमान परिवर्तनों से असंबंधित नहीं हैं।

ख़ास तौर पर इसलिए कि अबू धाबी ने तेल अबीब के साथ शांति समझौता किया है इस बात को लेकर दमिश्क़ में चिंता है। दमिश्क़ से आईआरआईबी के लिए एसाम हेलाली की रिपोर्ट।

Loading

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: