ईरानी डिप्लोमैट का यूरोपीय देशों का महत्वपूर्ण दौरा, परमाणु वार्ता से पहले अहम मुलाक़ातें, कहा प्रतिबंध हटवाना पहली प्राथमिकता

ईरान के विदेश उपमंत्री जो फ़्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाक़ातें करने के बाद फ़ौरन लंदन पहुचे हैं यहां भी उन्होंने बंद दरवाज़ों के पीछे कई मुलाक़ातें कीं और बड़ा व्यस्त दिन गुज़ारा।

विदेश उपमंत्री ने बताया कि द्विपक्षीय विषयों और क्षेत्रीय मुद्दों इसी तरह प्रस्तावित परमाणु वार्ता के बारे में बातचीत हुई।

ब्रिटेन के अधिकारियों से कुल मिलाकर लगभग पांच घंटे की बातचीत हुई है। कई मीटिंगें हुईं।

ब्रिटिश विदेशमंत्रालय में अलग अलग अधिकारियों से कई मुलाक़ातें हुईं। कई साल से दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच इस स्तर की बातचीत नहीं हो रही थी इसलिए आज की जो मुलाक़ातें हैं वह पारस्परिक संबंधों की दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण समझी जा रही हैं।

यह बातचीत बहुत ज़रूरी थी। वियेना में अगले दौर की वार्ता होने से पहले इस मुलाक़ात का होना बहुत ज़रूरी था। आर्थिक और वित्तीय संस्थाओं के अधिकारियों से मुलाक़ातें ईरान के विदेश मंत्री का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम था।

विदेश उपमंत्री अली बाक़ेरी कनी का कहना था कि यह मुलाक़ातें भी बड़ी सार्थक थीं। विदेश मंत्रालय के स्तर पर हम इन संस्थाओं की कहां और किस तरह मदद कर सकते हैं कि लंदन में इन संस्थाओं का काम आगे बढ़े इसका जायज़ा लिया गया।

विदेश उपमंत्री ने कई थिंक टैंकों में ईरान के मामलों के विशेषज्ञों, मीडिया संस्थानों  और अमरीकी टीवी चैनल सएनएन से अपनी बातचीत में ईरान का स्टैंड बयान किया।

उन्होंने कहा कि यूरोप ने अपने अमल से साबित किया कि वह अपने वादों पर कटिबद्ध नहीं है। स्पेन के दौरे पर रवाना होने से पहले विदेश उपमंत्री ने तीनों यूरोपीय देशों में अपनी मुलाक़ातों और बातचीत का निचोड़ इस तरह पेश किया।

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इन तीन यूरोपीय देशों में हुई बातचीत के बारे में मेरा मूल्यांकन यह है कि यह सही है कि कुछ विषयों में हमारी बीच मतभेद है लेकिन समान दृष्टिकोण वाले बिंदुओं के आधार पर हम आगे बढ़ सकते हैं

और आने वाली वार्ता में एक अच्छा और सार्थक वातावरण पैदा किया जा सकता है। ईरान के विदेश उपमंत्री अली बाक़ेरी कनी ने वियेना में 29 जून को आयोजित होने वाली वार्ता से पहले योरोपीय देशों के अधिकारियों से मुलाक़ातें की हैं

और साफ़ कर दिया है कि वार्ता में हमारी सबसे महत्वपूर्ण प्रार्थमिकता प्रतबंधों को समाप्त करवाना है। लंदन से आईआरआईबी के लिए मुजतबा क़ासिमज़ादे की रिपोर्ट

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