धर्म की रक्षा के लिए ही भगवान कृष्ण ने लिया अवतार – त्रिपाठी
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबकी
धर्म की रक्षा के लिए भगवान का धरा पर अवतार हुआ।
सोमवार को मवइयाकला गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा वाचक पंडित चंद शेखर त्रिपाठी ने भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। राजा कंस अपनी बहन देवकी की शादी पूरी धूमधाम की जब देवकी की विदाई हो रही थी।
तभी आकाश वाणी हुई कंस तुम्हारी बहन का आठवा पुत्र ही तुम्हारा काल होगा।कंस भयभीत हो गया।उसने बासुदेव व देवकी को कारागार में डाल दिया।
और राजा कंस ने अपनी बहन देवकी 7 पुत्रो वध कर दिया।
देवकी आठवे पुत्र का जन्म निकट राजा कंस सुरक्षा व्यवस्था शक्त के दी। काली रात्रि में भगवान ने देवकी के पुत्र के रूप में जन्म लिया।
वासुदेव श्रीकृष्ण को लेकर नंद गांव माता यशोदा के यहाँ लेकर गए। और वहाँ माता यशोदा ने पुत्री को जन्म दिया था।
वासदेव माता यशोदा के पास श्री कृष्ण को छोड़कर पुत्री को अपने साथ ले आए। उसके बाद कारागार में कंस आया और उस पुत्री को मारने के लिए जैसे हाथ में उठाया वैसे पुत्री ने देवी का रूप धारण कर लिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पंकज अवस्थी ,अनिरुद्ध, धीरज अवस्थी ,अमर बहादुर सिंह ,सुनील रावत , विंन्नु पाठक आदि लोग मौजूद रहे।