लखनऊ के जर्रे -जर्रे को प्रणाम करते राजनाथ पुत्र नीरज सिंह

पिता का संसदीय क्षेत्र उनके लिए है मंदिर तो यहां का मतदाता उनके लिए है देवतुल्य भगवान

भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही लखनऊवासियों की हर समस्या का करते हैं सुखद निवारण

पुराने संबंधों को देते हैं तरजीह, विकास कार्यों पर भी रखते हैं पैनी नजर

न्यूज 22 इंडिया
लखनऊ उत्तर प्रदेश
लखनऊ के सांसद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के छोटे पुत्र नीरज सिंह आए हुए किसी भी परेशान व्यक्ति के दुख को सुन उसका निवारण कर उसके चेहरे पर मुस्कान ला ही देते हैं।

तभी तो वे अपनी कार्यकुशलता के चलते लखनऊ की रज- रज को प्रणाम करते नजर आते हैं। उनके द्वारा पुत्र धर्म का निर्वाहन पिता-पुत्र के संबंधों की अलौकिक परिभाषा को गढ़ता दिखाई देता है।

जबकि लखनऊ के माटी उनके लिए ऐसा चंदन है जिसे वह अपने मस्तक पर हमेशा धारण करने के लिए लालायित रहते हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं लखनऊ के सांसद एवं देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के छोटे पुत्र नीरज सिंह उर्फ नीरज भैया की।

लखनऊ के विपुल खंड में स्थित आवास पर नीरज सिंह के आने की खबर मात्र से ही उनसे मिलने वालों की भीड़ सुबह से ही लगनी शुरू हो जाती है। नीरज सिंह बिना मौका गवाएं अपने निजी कार्यों को निपटा कर आमजन से मिलने में जुट जाते है।

आया हुआ व्यक्ति चाहे भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता हो या फिर किसी अन्य दल का समर्थक ही क्यों ना हो! नीरज सिंह उसकी परेशानी को आत्मसात करते हैं ।उनका प्रयास रहता है कि आए हुए व्यक्ति की समस्या का निराकरण हो एवं वह बिना जलपान के वापस भी ना जाने पर पाये।

श्री सिंह भाजपा के कार्यकर्ताओं में काफी लोकप्रिय हैं। उनसे लखनऊ के तमाम युवा कार्यकर्ता तो जुड़े हुए ही हैं बल्कि वरिष्ठ एवं बुजुर्ग भाजपा के कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी बिना झिझक नीरज सिंह से अपनी बात कहते दिखाई देते हैं।

नीरज सिंह गंभीरता से सबकी बातों को सुनते हैं एवं बड़े ही सधे अंदाज में आए हुए व्यक्ति के दुखों का हरण कर सफल व्यक्तित्व का पर्याय बन जाते हैं।

खास बात यह भी है कि नीरज सिंह इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि उनसे पुराने समय से जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति उनके पास से निराश ना जाए ।

अर्थात चाहे वह उनका कोई परिवारिक करीबी हो या फिर संगठन का व्यक्ति अथवा प्रदेश व देश के दूर छोर से आया हुआ कोई भी व्यक्ति। सूत्रों के मुताबिक नीरज सिंह अपने पिता राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र का पूरा ख्याल रखते हैं। यही नहीं उनकी पैनी नजर लखनऊ संसदीय क्षेत्र में हो रहे विकास के कार्यो पर भी रहती है।

कहां पर किस काम की आवश्यकता है! कहां पर जनहित का कौन सा कार्य है! कौन सा कार्य जरूरी है! इन सभी बिंदुओं पर उनका गहन चिंतन मंथन जारी रहता है। जहां तक सवाल है युवा भाजपा कार्यकर्ताओं का तो वह भी नीरज सिंह से अपनी बात खुलकर कहते हैं।

नीरज सिंह से मिलने के लिए बहुसंख्यक समाज के साथ ही दलित समाज एवं अल्पसंख्यक समाज के लोग भी आते हैं। लखनऊ का मतदाता उनकी नजर में भगवान का दर्जा रखता है।

यही नहीं संगठन स्तर पर भी दिए गए कार्यों को वे अपने तमाम कार्यकर्ताओं की फौज के साथ सफलता पूर्वक निपटाते हैं।

नीरज लखनऊ वासियों के सुख दुःख में शामिल होने का कोई भी मौका नहीं गवांते। बाराबंकी जनपद का हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र राजनाथ सिंह का पुराना क्षेत्र रहा है। इस क्षेत्र से दो बार भाजपा के विधायक भी चुने गए हैं।

आज भी हैदरगढ़ क्षेत्र के लोग अपने नीरज भैया से मुलाकात करने अधिकार स्वरूप आते हैं। नीरज भैया हैदरगढ़ के अपने पुराने परिवारी जनों को पूरा- पूरा सम्मान देते हैं। यही नहीं गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र के लोग भी यहां पहुंचते हैं।

नीरज सिंह की कार्यक्षमता यह बार-बार दर्शाती है कि वास्तव में वह अपने पिता राजनाथ सिंह के सभी गुणों के आकर्षक पर्याय हैं। पिता राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र से आने वाले कार्यकर्ताओं से वे क्षेत्र के बारे में बड़े आत्मविश्वास से चर्चा करते हैं।

नीरज सिंह ऐसे सेवक पुत्र के रूप में दिखते हैं जो वास्तव में अपने पिता की विरासत को पूरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाता हुआ नजर आता है। पुत्र धर्म का पालन नीरज सिंह इस तरह से करते हैं! कि उनसे मिलने वाला व्यक्ति पहली मुलाकात में ही उनका मुरीद हो जाता है।

वैसे तो नीरज सिंह अंतःकरण से सामाजिक सेवा की श्रंखला को आगे बढ़ाने वाले सम्पूर्ण व्यक्तित्व हैं। उनके द्वारा अब तक कई क्षेत्रों में जनपदों में समाज सेवा के बड़े-बड़े काम किए गए हैं । जमीनी स्तर पर काम करने में माहिर नीरज चर्चाओं से दूर रहना पसंद करते हैं।

लेकिन कहा जाता है कि जिस सुगंध में दम हो उसकी योग्यता को छुपाया नहीं जा सकता। जिस प्रकार से नीरज सिंह अपने पिता के संसदीय क्षेत्र का सेवा भार अपने कंधे पर उठाए हैं। उससे साफ लगता है कि वह लखनऊ के हर कोने से वाकिफ है।

उनका काम करने का तरीका वास्तव में लखनऊ की रज -रज को प्रणाम करता हुआ नजर आता है। जो उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ पुत्र की श्रेणी में खड़ा करता है।

उनकी कर्तव्य परायणता के चलते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश की रक्षा के लिए अन्य तमाम ऐतिहासिक काम स्वतंत्रता के साथ कर रहे हैं। कुल मिलाकर चमक- दमक से दूर नीरज सिंह

सफलतापूर्वक पुत्र- धर्म निभाते हुए पिता-पुत्र के संबंधों की आज वह प्रेरणा बन चुके है! जिससे तमाम युवा बहुत कुछ सीख सकते हैं।
कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया)

Loading

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: