सीएम साहब : सिपाही बाबू बोले पैसा दो नही तो एनडीपीएस में फंसा दूंगा ?
न्यूज 22 इंडिया
हैदरगढ़ बाराबंकी
सीएम साहब सिपाही बाबू बोले पैसा दो वरना एनडीपीएस में फंसा दूंगा पीड़ित ने इसी अंदाज में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत दर्ज करायी है ।
विवरण के अनुसार हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात एक सिपाही ने 14 मार्च को कोतवाली के देवइचा मजरे लाही गांव निवासी दीपक गौतम मजदूर व रामबालक से 75000 रुपए एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में फंसा देने के नाम पर अवैध वसूली कर लेने की मुख्यमंत्री से शिकायत की की गई है।
पुलिस के लगातार घर पर जाकर दबाव बनाने पर पीड़ितों ने पीएम आवास का मिला हुआ कुछ पैसा व एक लोग से 10 प्रतिशत ब्याज पर पैसा लेकर सिपाही के किराए के कमरे में जाकर 75000 रुपया उसे दिया था।
जिसे उसने बेड के नीचे रख देने के लिए बोला था। इस दौरान सिपाही के पास पीड़ित के गांव का एक दलाल भी वहां मौजूद था।
आरोप है की पुलिस के दलाल ने 50,000 दीपक का बेड के नीचे रखा गया पैसा व 25000 राम बालक का पैसा दोनों का 75000 रुपया हाथ में लेकर कर सिपाही को दे दिया था ।
और यह लेन-देन की बात कहीं पर नहीं करने की सिपाही ने हिदायत भी दी थी। इस मामले की दीपक व रामबालक ने संयुक्त रुप से 19 मार्च को ऑनलाइन मुख्यमंत्री, महिला आयोग व जिले के अधिकारियों से शिकायत की थी।
पीड़ित दीपक की पत्नी व रामबालक का कहना है कि मुझे पुलिस फर्जी गांजा मार्फिन में मुकदमा लिख कर जेल भेजने के नाम परेशान किया और मुकदमा लिख कर 10 साल के लिए जेल भेज देने की धमकी दिया था और लगातार घर आकर दबाव बना रहे थे
कि 75000 रुपया दे दो नहीं तो तुम लोगों के खिलाफ एनडीपीएस का मुकदमा लिख कर जेल भेज दूंगा बताया की पुलिस के साथ ही मेरे गांव के एक के दलाल ने 75000 की अवैध वसूली कर लिया है सिपाही व दलाल ने यह भी कहा है कि
कहीं भी इसकी शिकायत करोगी तो तुम्हें दोबारा पकड़ कर एनडीपीएस एक्ट में जेल भेज देंगे। बताया कि ऑनलाइन शिकायत करने की जानकारी सिपाही और गांव के दलाल को हो चुकी है
जिस पर वह मुझे फर्जी केस में फंसा कर जेल भेजने की धमकी लगातार दे रहा है पुलिस की डर से हम लोग बहुत परेशान हैं।
इस संबंध में सिपाही का कहना है कि गांव के ही एक कल्लू से दीपक आदि का झगड़ा हो गया था जिसमें शांति भंग की कार्रवाई की गई थी
इसीलिए उसके घर पर दबिश देते थे कि हाजिर हो जाए और अपनी जमानत करा ले रुपया लेने की बात फर्जी है।
रिपोर्ट-राकेश पाठक