जब ईश्वर के प्रति पूरी तरह से समर्पण हो जाता है तभी वास्तविक भक्ति की शुरुआत होती है-डॉ. चिन्मय पांड्या

न्यूज 22 इंडिया
रामसनेहीघाट-बाराबंकी।
गायत्री शक्तिपीठ रामसनेहीघाट पर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सोमवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या द्वारा धूमधाम से संपन्न कराया गया,

इस मौके पर प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद शर्मा सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग एवं महिलाएं मौजूद रही।

प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व हरिद्वार से पधारे टोली नायक ओइंद्र सिंह ने गायत्री माता की मूर्ति का स्नान, श्रृंगार एवं अन्य पूजन का कार्य विधि विधान से संपन्न कराया।

डॉ चिन्मय पंड्या सोमवार की सुबह 7 बजे गायत्री शक्तिपीठ पर पहुंचे तथा सीधे मंदिर में जाकर पूजा पाठ के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न किया। गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी डॉ शिवाकांत त्रिपाठी की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा के सभी कार्य संपन्न हुए।

प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात डॉ पांड्या सीधे मंच पर पहुंचे जहां उनका स्वागत गायत्री परिवार रामसनेहीघाट के साथ ही खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद शर्मा द्वारा किया गया। स्वागत उपरांत डॉ चिन्मय पंड्या ने अपने संबोधन में कहा कि आज ईश्वर के प्रति श्रद्धा समर्पण एवं विश्वास की भारी कमी है।

लोगों में पूजा पाठ के प्रति प्रदर्शन तो है लेकिन समर्पण की कमी है यही कारण है कि लोगों को ईश्वर का अनुराग नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि जब ईश्वर के प्रति पूरी तरह से समर्पण हो जाता है तभी वास्तविक भक्ति की शुरुआत होती है।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य निर्धारित न होने के कारण दिशा बोध नहीं होता और वह चलते-चलते टकरा जाता है। सबसे पहले मनुष्य को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए तथा सब कुछ भगवान को समर्पित करते हुए कर्म करना चाहिए तभी उसे उसके विश्वास का प्रतिफल ईश्वर हजार गुना करके देता है।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौर में कमाई कम होने के साथ ही रोटी की भी समस्या है लेकिन इसी समाज में शादी जैसे समारोह पर लोग करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रहे हैं जो बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि खर्चीली शादियां रोकने के लिए परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने सादा जीवन उच्च विचार का नारा दिया था लेकिन लोग प्रदर्शन को महत्व अधिक दे रहे हैं।

उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि आने वाले समय में परिवर्तन बहुत तेजी से होगा जिसमें हर व्यक्ति समय रहते स्वयं को बदल ले यही उसके हित में होगा अन्यथा महाकाल परिवर्तन की बेला में लोगों को बदलने के लिए मजबूर कर देगा। इस मौके पर गायत्री परिवार रामसनेहीघाट द्वारा डॉ चिन्मय पंड्या को धरती के सबसे दुर्लभ वृक्ष पारिजात का चित्र समर्पित किया वही डॉ पांड्या ने गायत्री शक्तिपीठ रामसनेहीघाट के सभी ट्रस्टियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम समापन के अवसर पर गायत्री परिवार के उत्तर जोन प्रभारी डॉ नरेंद्र कुमार अयोध्या जोन के देशबंधु तिवारी सहित बाराबंकी शक्तिपीठ के सभी गायत्री परिजन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता गण ब्लॉक प्रमुख चंद्रशेखर वर्मा राजेश कुमार सिंह

प्रमोद वैश्य सहित तमाम गायत्री परिजन क्षेत्र के गणमान्य लोग व भारी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही।चार दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की श्रृंखला में पूर्णाहुति भी संपन्न हुई।

शूलिनी विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के एसोसिएट प्रोफेसर सुबोध सौरव एवं डॉ माला त्रिपाठी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।इसी के साथ भंडारे का भी आयोजन हुआ जो दिन भर चलता रहा।

रिपोर्ट-शिवशंकर तिवारी

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