सामुदायिक शौचालयों पर लगे ताले, बयां कर रहे सरकार की योजनाओं की सच्चाई

न्यूज 22 इंडिया
सूरतगंज बाराबंकी
ब्लांक क्षेत्र अंतर्गत कई सामुदायिक शौचालयों में ताले जड़े हुए हैं, जिसके चलते इन शौचालयों का इस्तेमाल ग्रामीण नहीं कर पा रहे।

साथ ही इन शौचालयों के रख-रखाव के नाम पर हर महीनो का बजट खर्च दिखाया जा रहा है। बता दे कि सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान देश भर में शुरू किया था जिसके अंतर्गत गलियों,

सड़कों को साफ-सुथरा रखना, हर घर में शौचालय की सुविधा होना, सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना,

इस योजना का मुख्य लक्ष्य था। लेकिन आज सूरतगंज ब्लांक क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण कई इन सब योजनाओ के लाभ से ग्रामीण वंचित हैं। जानकारी के अनुसार सूरतगंज ब्लांक की ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से बनवाए गए कई सामुदायिक शौचालयों में ताले जड़े हुए हैं,

जिसके चलते इन शौचालयों का इस्तेमाल ग्रामीण नहीं कर पा रहे। इसके बावजूद भी इन शौचालयों के रख-रखाव के नाम पर हर महीने हजारों हजार का बजट खर्च दिखाया जा रहा है।

जबकि शौचालय के संचालन का जिम्मा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूह को सौंपा गया है।

और शौचालय के संचालन का जिम्मा पिछले साल जुलाई के महीने मे पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण आजीविका मिशन को सौंपा था और यह कहा गया था कि संचालन का काम समूह की महिलाएं कर रही हैं।

लेकिन इसके बावजूद भी कई ग्राम पंचायतों में मौजूद शौचलयों में ताले लटके हुए हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि समूह की महिलाएं कितना अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रही जिसका अंदाजा ग्राम पंचायतों में जाकर लगाया जा सकता है।

ऐसे में हर महीने जो खर्च दिखाया जाता है, वो आखिरकार कहाँ जा रहा है? ग्रामीणों को इन शौचालयों की सुविधा नहीं मिल पा रही और रंगाई पुताई से लैस ये शौचालय सिर्फ शोपीस बनकर ग्राम पंचायतों में खड़े हुए हैं।

ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ढकवा ग्राम पंचायत के मोहनीपुर गाँव में समुदायिक शौचालय बना हुआ है जिसमें सरकार ने लाखों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन यहाँ पर ताला लगा होने के चलते लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

गाँव की संतोषी माता स्वयं सहयता समूह की अध्यक्ष शांति देवी , कोषाध्यक्ष विमला देवी , सचिव लक्ष्मी देवी , आशा बड़की , किरन, सुनीता ,

संगीता देवी आदि दर्जनों लोगों का कहना है कि गांव में समुदायिक शौचालय तो बन गया था और भीमराव अंबेडकर स्वयं सहयता समूह की रामलली को केयर टेकर का कार्यभार्य सौंपा गया

लेकिन वह शौचालय को महीनों से बंद पड़ा है यही नहीं रामलली समूह के कई पदों पर कार्य कर रही है जिससे वह समूह के ही सिलशिले में इधर उधर ज्यादा तर लगी रहती।

जो केयर टेकर के साथ साथ भीमराव अंबेडकर स्वयं सहयता समूह की कोषाध्यक्ष , अध्यक्ष , सीनियर सी आर पी है तो उनके हसबैंड ग्राम संगठन के लेखपाल का कार्य भार संभालते है।

जिसके कारण वह समुदायिक शौचालय में समय नहीं दे पा रही है जिसके कारण वह महीनों से बंद है और समुदायिक शौचालय धीरे धीरे साफ सफाई न होने के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है।

चारों ओर गंदगी की भरमार है। साथ जी संतोषी माता स्वयं सहयता समूह की महिलाएं शौचालय के केयर टेकर का कार्यभार संभालने के लिए तैयार है। जिसकी मांग करते हुए मंगलवार को एडीओ पंचायत के माध्यम से खंड विकास अधिकारी सूरतगंज को लिखित प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाई की मांग की है।

जिस पर एडीओ पंचायत ऋषिपाल सिंह ने आश्वाशन देते हुए कार्रवाई की बात कही है।

रिपोर्ट-सत्यवान पाल

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