घमंड को अल्लाह पसंद नहीं है- मौलाना नदीम रजा फैजाबादी

 

लाख कोशिशों के बादभी बातिल हक़ को दबा नही पाता है , हक़ हर दौर में उभर कर अपनी पहचान बनाता है

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सरवर अली
बाराबंकी उत्तर प्रदेश
वो किर्दार बे मक़सद होता है जिसमें शराफत और उल्फ़त नहीं होती ।

अगर तुम चाहते हो कि समाज में तुम्हारी इज़्ज़त हो तो ,दूसरों की इज़्ज़त करना सीखो ।

यह बात कर्बला सिविल लाइन में मरहूमअल्हाज शुजाअत हुसैन इब्ने वजाहत हुसैन की मज्लिसे बरसी को खिताब करते हुये मौलाना नदीम रज़ा फैज़ाबादी ने कही ।

मौलाना ने ये भी कहा कि लाख कोशिशों के बादभी बातिल हक़ को दबा नही पाता है , हक़ हर दौर में उभर कर अपनी पहचान बनाता है ।

घमंड को अल्लाह पसंद नहीं करता घमंडी का घमंड मिट्टी में मिल जाता है । फ़िरऔन किसी ज़ात का नाम नहीं,यह एक करेक्टर है ।

जहां भी खुदाई अनानियत (घमंड) पाया जाता है,वही फिरौनीयत है ।दुनियां वालों को बुराइयों से दूर रखते हैं अहले बैत ए रसूल ।अगर कामयाबी चाहिये तो सच्चाई के साथ अहले बैते रसूल का दामन थाम लो,दुनियां व आखेरत संवर जाएगी ।

आखिर में कर्बला वालों के मसायब पेश किये जिसे सुनकर सभी रो पड़े ।मजलिस से पहले डा 0 रज़ा मौरान्वी ने अपना बेहतरीन कलाम पढ़ा – मेरी दुनियां है गमें शब्बीर और इश्क़े अली,मुझे मालूम नहीं कौन कहाँ है क्या है।

हाजी सरवर अली कर्बलाई ने अपना बेहतरीन कलाम पेशकार्ते हुये पढ़ा – मुमकिन नहीं है शाह का गम हो सके रक़म , सरवर तखय्युलात की चादर समेट ले ।

इसके अलावा आसिफ अख्तर बाराबंकवी,हैदर आब्दी,हैदर ज़ैदी ,अमान अब्बास काज़मी,अयान अब्बास काज़मी ,रज़ा मेहदी,समद और एहसान सल्लमहू ने भी नज़रानये अकीदत पेश किया ।

निज़ामात अयान अब्बास ने की ।मजलिस का आगाज़ तिलावते कलाम पाक से हैदर आब्दी व अयान काज़मी ने किया।बादे मजलिस मुल्क मे अमन क़ायम रहने व कोरोना जैसी वबा से नजात्के लिये दुआएं की गईं।