बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन 1098 के कर्मचारियों ने निदेशक पर लगाए गंभीर आरोप
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-रणविजय सिंह
बाराबंकी उत्तर प्रदेश
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयास बावजूद भ्रष्टाचार पर विराम नहीं लग पा रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न गैर सरकारी संगठन के माध्यम से आमजन को लाभान्वित की जाने वाली योजनाओं में भी भ्रष्टाचार का दीमक लग चुका है।
जानकारी के मुताबिक सामाजिक संस्था चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन द्वारा संचालित ‘चाइल्ड लाइन 1098’ में कार्यरत पीड़ित सदस्यों ने अनियमितताओ को लेकर शीर्ष अधिकारियों को शिकायत की है।
स्पष्ट करते चलें कि जनपद बाराबंकी में बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन 1098 के सदस्य मनीष सिंह एवं अनिल यादव ने संयुक्त रूप से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन, चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन मुम्बई व चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन दिल्ली एवं जनपद के जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा है।
शिकायतकर्ता द्वय ने पत्र में कहा है कि वह करीब दो वर्ष से बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा जनपद में संचालित चाइल्ड लाइन 1098 में सदस्य के पद पर कार्यरत थे।
निष्पक्षता पूर्वक कार्य करने मे तमाम बाधाएं उत्पन्न की जा रही थी। साजिशन मानसिक प्रताड़ना एवं शोषण से तंग आकर नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया गया। चाइल्ड लाइन 1098 के बाराबंकी के निदेशक रत्नेश कुमार गौतम द्वारा आये दिन तमाम फर्जी बिल/वाउचर बनाये जा रहे हैं,
जिनपर हस्ताक्षर करने के लिए हम लोगों पर दबाव बनाते रहे हैं। मना करने पर डाटते व निकाल देने की अक्सर धमकी देते आ रहे थे। तमाम फर्जी बिल व सादे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए हैं। चाइल्ड लाइन के माध्यम से बच्चों को जो सुविधाएं दी जा रही हैं, उनमें से आधी भी उन तक नहीं पहुँच पाती।
निदेशक रत्नेश कुमार गौतम द्वारा फर्जी बिल बनाकर सबका पैसा निकाला जा रहा है। बकौल शिकायतकर्ता, अज्ञात अवस्था में मिलने वाले बच्चों को हम लोगों द्वारा बाइक से बाल आश्रय गृह भेजा गया, जबकि हर बार चार पहिया वाहन का फर्जी बिल बनाकर पैसा निकाला गया है।
हम लोगों के यात्रा भत्ता में भी बढ़ा चढ़ाकर फर्जी बिल बनाये गये हैं। कोविड-19 के समय में बच्चों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिली, फर्जी बिल बनाकर सिर्फ कागजों की खानापूर्ति की गई है। बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा संचालित सभी योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार है।
नई रोशनी के कार्यक्रम में भी हम लोगों को अनेक बार भेजा गया है। हम लोग पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ कार्य करते रहे हैं, बावजूद इसके बगैर पूर्व कोई सूचना दिए रत्नेश कुमार गौतम द्वारा कार्य करने से मना कर दिया।
शिकायतकर्ताओं ने शीर्ष अधिकारियों से चाइल्ड लाइन 1098 से सम्बंधित सभी बिल वाउचर जहाँ के हैं, उनसे भी गहन जांच पड़ताल कर भ्रष्टाचार का अनावरण करने के साथ ही दोषीजनों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
क्या बोले चाइल्ड लाइन के निदेशक रत्नेश गौतम
जब हमारे संवाददाता ने सामाजिक संस्था चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन द्वारा संचालित ‘चाइल्ड लाइन 1098 बाराबंकी के निदेशक रत्नेश कुमार गैतम से इन आरोपों के बारे में जानकारी ली गई
तो उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि दोनों कार्यरत कर्मचारियों की कार्य शैली बहुत ही अशोभनीय व असंतोष जनक होने के कारण नोटिस जारी किया गया जिससे कर्मचारियों द्वारा मुझे साजिशन बदनाम किया जा रहा है।