श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन भक्तों ने भागवत ज्ञान गंगा में लगाई डुबकी
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबंकी
मर्यादित जीवन का निर्वाह करते हुए प्रत्येक जीव का सम्मान करना ही भगवान का चरित्र है ।तभी तो वन गमन को गए श्री राम जी वन से भगवान श्री राम बनकर लौटे।
उक्त बात सब्जी मंडी में श्रीमती विंधेश्वरी देवी द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पंडित अनिल शुक्ल मानस प्रेमी ने कही।
श्री मानस प्रेमी ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपने द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय अपने अनन्य भक्तों एवं मित्रों को दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी जब गोवर्धन उठाया व अन्य लीलाएं की तो उन्होंने भी उसका श्रेय अपने ग्वाल बालों को दिया।
पंडित अनिल शुक्ला मानस प्रेमी ने कहा कि जब वनवास के बाद भगवान श्री राम अयोध्या लौटे तब उन्होंने माता कैकेई का आशीर्वाद लिया।
उन्होंने बताया कि यदि हम सत्कर्म एवं कर्तव्य तथा प्रेम पूर्ण व्यवहार को आत्मसात करें तो वह स्वयं तथा अपने परिजनों एवं समाज के लिए बहुत ही हितकर होगा ।
श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन जमकर भीड़ रही ।जबकि इस दौरान महाराज जी के द्वारा गाए गए भजनों से तमाम श्रोता भक्ति में झूम उठे ।
खासकर उमंग पांडे के द्वारा गाए गए भजनों पर भक्तों ने बड़ा ही आनंद लिया ।इस अवसर पर प्रमुख रूप से उमाशंकर शुक्ला, सुभाष पांडे, उमंग पांडे ,शिव शंकर तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया,
फूल चंद सोनी, पंडित शेषधर द्विवेदी, सौरभ द्विवेदी, गुड्डू अग्रवाल ,मोहित अग्रवाल, दीपू द्विवेदी, प्रेमचंद्र गुप्ता ,शिव कुमार गुप्ता, अनरजीत सिंह, विज्ञान मिश्रा,
गया प्रसाद शुक्ला, रामदास गुप्ता,धोनी शुक्ला, जगन्नाथ चौरसिया सहित सैकड़ों पुरुष व महिला कथा प्रेमी उपस्थित थे।