आतंकवाद की इस्लाम में कोई जगह नही है:मौलाना शब्बीर

 

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सचिन गुप्ता
सिरौलीगौसपुर बाराबंकी
सफर इमाम हुसैन मदीना से करबला की याद में एक मजलिस का आयोजन ग्राम रसूलपुर स्थित हजरत अलाउद्दीन आला बुजुर्ग मूर्सवा काजमी नैशापुरी रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर किया गया जिसे कलकक्ता से आये मौलाना शब्बीर अली वारसी ने खिताब किया।

जिसमें उन्होंने हजरत अबू तालिब अल्लैहस्सलाम के ईमान और उनकी जिंदगी पर रौशनी डाली बयान करते मौलाना ने शिया सुन्नी एकता और हिन्दू मुस्लिम एकता पर बल दिया उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद की इस्लाम में कोई जगह नही है।

अंत में मौलाना ने कहा कि जनाबे सकीना सलवातुल्ला अलैह और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के छः महीने के बेटे हज़रत अली असगर अलैहिस्सलाम के मसाएब पर उपस्थित लोग फफक कर रो पड़े मजलिस के बाद अंजुमन जुल्फिकारे हैदरी ने सीना जनी की शायरे अहलेबैत अलैहिस्सलाम सफदर किन्तूरी ने की

शरफूददीन शरफ सहरवी कामिल किन्तूरी मीसम बदोसरांवी ने की।इस मौके पर डॉक्टर अब्दुल सलाम डाक्टर आरिफ नियाज राहिल काजमी हरि विष्णु अवस्थी वासिफ अंसारी मोहम्मद बॉस

सिराज तकवी लखनवी सत्यनाम यादव संजय यादव आनंद यादव वाह सैराट सेहरान अब्बास लखनवी आदि उपस्थित रहे। मजलिस में मौलाना यासूब अब्बास की तकरीर लोगों में रूहानियत फैली।

इस मजलिस का आयोजन सैय्यद आदिल कासमी मोहम्मद अजमल सैय्यद असद काजमी डाक्टर रेहान काजमी द्वारा किया गया मजलिस के बाद सभी लोगों ने दस्तरखान में शिरकत की

तथा मौलाना अमरनाथ जरवली निहाल काजमी यासिर काजमी अदनान ने लोगों का शुक्रिया अदा कर दुआ देते हुए मजलिस का समापन किया।