बहुताधाम के रामचरित मानस सम्मेलन के छठे दिन भारी संख्या में लोगों ने कथा का आनंद उठाया
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबंकी
शक्ति का स्रोत भगवान शिव है जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश को पूर्व से अलग नहीं किया जा सकता उसे प्रकाश शक्ति स्वरूपा भगवती पार्वती का शिव से नित्य सास्वत संबंध है यह विचार आचार्य डॉक्टर सुधाकर द्विवेदी ने कही
बहुता धाम के 93 वें सम्मेलन में छठे दिन डॉ सुधाकर द्विवेदी ने अपनी अमृत मई व्याख्यान करते हुए कहा कि शिव जी का उनकी शक्ति पार्वती के साथ विवाह तो एकमात्र लीला है क्योंकि इस विवाह लीला में लोक कल्याण छिपा है
वह कुमार कार्तिकेय जैसे पुत्र को जन्म देते हैं जिससे तार का सुख जैसे राक्षस का वध होता है और लोक में सुख शांति स्थापित होती है रायबरेली से पधारे रामायणी पंडित कविता कांत बाजपेई ने कहा कि गुरु की महिमा सबसे ऊपर है संसार में जो सबसे पहले मिलने वाली वस्तु है वह ज्ञान है
ज्ञान प्राप्ति का आधार गुरु ही है गुरु के द्वारा संसार में क्या सार है और क्या आसार है इसका पता चलता है ज्ञान निराकार है और गुरु ज्ञान का साकार रूप है अतः वह भाग्यशाली हैं जिन्हें गुरु मिला है
और गुरु के ज्ञान को शिरोधार्य करते हैं जो गुरुपद अंबुज अनुरागी ते लो कहो वेदाहूं बड़भागी बाराबंकी कुरुक्षेत्र से आए वंदे रामकिंकर मिश्र ने अपने चिंतन पूर्ण प्रवचन में बताया कि रास्ते का आधार एक परमात्मा है
परमात्मा जब विविध रूपों में अपना विस्तार करता है तभी इस जगत की स्थापना होती है इसी कारण तुलसी जैसे ततोअग्य का बिगड़ के तन सब में ईश्वर का दर्शन करते हैं और सभी को आदर पूर्वक नमन करते हैं तुलसी बाबा ने लिखा है
कि सियाराम मय सब जग जानी करो प्रणाम जोर जुग पानी कन्नौज से पधारे सन्यासी चेतन स्वामी जी ने कहा कि जीवन का सच्चा सुख वैराग्य मैं है संसार से मोह छोड़कर भगवान से नाता जोड़ ना ही असली बैराग्य है डॉक्टर जितेन्द्र नाथ पांडे ने कहा कि व्यक्ति के हृदय में भूतपूर्व शिव तत्व विद्यमान है
शिव कल्याण का वाचक है प्रत्येक मनुष्य अपने ह्रदय वस्तुओं से प्रेरित होकर अपना कल्याण चाहता है गोंडा से आए पंडित प्रहलाद मिश्रा ने लक्ष्मण निषाद संवाद के आधार पर मानस में निहित गीता के कर्म सिद्धांत की व्याख्या करते हुए कहा कि सुख दुख का कारण कर्म है एकत्रित पंडित स्वामी दिन शुभ पंडित अजय कुमार शास्त्री रामस्वरूप दास तरंग जी दीनबंधु महाराज पन्ना लाल प्रेमी पंडित कुमार तिवारी अभय नाथ शास्त्री आदि संत विद्वानों ने अपने भावपूर्ण प्रवचन से स्वागत स्वभाव को समाल आदित्य कर दिया ।
श्री रामचरित मानस सम्मेलन के 93 वे सम्मेलन के छठवें दिन भारी मात्रा में पुरुष महिलाएं उपस्थित थे कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉक्टर शिवाकांत शुक्ला ने किया प्रमुख रूप से अंजनी मिश्रा कौशल कुमार शिवाकांत पांडे रामकेवल तिवारी
उमेश शुक्ला रवि कुमार पांडे जटा शंकर पांडे श्यामसुंदर तिवारी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे आयोजक सुशील पांडे व अनिल पांडे ने आए हुए संत विद्वानों का स्वागत किया।