पापियों का नाश करने के लिए भगवान पृथ्वी पर लेते है अवतार-अतुल कृष्ण भारद्वाज
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सचिन गुप्ता
सिरौलीगौसपुर बाराबंकी
कथा व्यास पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ टिकैतनगर में चतुर्थ ज्ञान की महिमा के बारे में श्रद्धालु जनों को बताया कि मनुष्य को ग्रस्त जीवन जीने के लिए भगवान शिव के आदर्शों पर चलना चाहिए भगवान शिव अपने विवाह के सिंगार से समाज को बताना चाहते हैं।
कि मेरे सिर पर नाग विराजमान है जिसका तात्पर्य है कि संसार के समस्त प्राणियों के सिर पर काल रूपी नाग बैठा हैजो प्रत्येक दिन आपकी आयु को खा रहा है। भगवान शेर की खाल धारण कर यह बताना चाह रहे हैं।
कि मनुष्य को गृहस्थ जीवन संयमित जीवन सिंह की तरह जीना चाहिए क्योंकि शेर अपने जीवन में एक नारीव्रत धारी है। लोगों ने कहा है कि विवाह में दुल्हा घोड़े पर बैठता है परंतु भगवान शिव नंदी पर बैठे हैं।
जिसका तात्पर्य है की नंदी धर्म का प्रतीक है और घोड़ा काम का प्रतीक है। भगवान शिव पूरे शरीर पर चिता की राख लपेटे हैं जिसका तात्पर्य है कि दुनिया के सभी प्राणियों को 1 दिन चिता में जाना है पूज्य व्यास जी ने भगवान श्री राम एवं भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का सुंदर वर्णन करते हुए कहा है कि जब जब धरती पर अधर्म का बोलबाला होता है तब तब भगवान किसी ना किसी रूप में धरती पर अवतरित होकर असुरों का नाश करते हैं ।
जिससे अधर्म पर धर्म की विजय होती है भगवान को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति फ्रिज मैं बने फ्रीजर की तरह होना चाहिए अर्थात काम क्रोध मोह लालच एवं ईर्ष्या को त्याग कर भक्ति एवं सच्चे मन की साधना से प्राप्त कर सकते हैं त्रेता युग में जब असुरों की शक्ति बढ़ने लगी धर्म प्रायः लुप्त हो रहा था
तब मां कौशल्या की कोख से भगवान श्रीराम ने जन्म लिया द्वापर में मां देवकी की कोख श्री भगवान श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया पूजा व्यास ने कहा कि भगवान कण-कण में विराजमान है ।सर्वत्र विद्यमान है प्रेम से पुकारने पर कहीं भी प्रकट हो सकते हैं ।
भगवान तो निर्मल मन एवं भक्ति देखते हैं इसीलिए कहा गया है।कि हरि व्यापक सर्वत्र समाना प्रेम से प्रकट होई मैं जाना।इस अवसर पर गया प्रसाद यज्ञसैनी विनोद यज्ञसैनी आंशू यज्ञसैनी चेयरमैन जगदीश प्रसाद गुप्ता सुधीर यज्ञसैनी विनोद शर्मा कपूर कसेरा विष्णु कान्त धवल गुप्ता सचिन गुप्ता मनीराम कसौधन, हनोमन यादव व क्षेत्र के तमाम भक्तगण मौजूद रहे।