तहसील सभागार में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-बद्री विशाल अवस्थी
रामनगर बाराबंकी।
तहसील रामनगर के सभागार में स्थानीय कवियों ने काव्यपाठ कर वाहवाही लूटी। श्रोताओं नए हास्य व्यंग की रचनाएं सुनकर खूब तालियां बजाई किसी ने हंसाया तो किसी ने देशभक्ति पर कविता सुनाई।
कवियों की हर एक पंक्ति पर तहसील सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
शुक्रवार को तहसील सभागार में दो अक्टूबर की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ, एसडीएम राजीव शुक्ला व सीओ दिनेश दुबे द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यर्पण कर किया गया।
कवि चैतन्य चालू ने पढ़ा दो अक्टूबर को जन्मे थे,भारत के दो लाल,दोनों ने दोना किया अंग्रेजों के गाल कवि शिवेश राजा ने पढ़ा राम कसम खा के कहते हैं, भारत माँ को शीश चाहिए।
हमको पाकिस्तान सहित अब सिंघु नदी का नीर चाहिए।कवि डॉ सर्वेश शर्मा ने पढ़ा शहीदों की सपूतों की कहानी कौन लिखेगा, जवानों की जवानी कौन लिखेगा।
डॉक्टर ओम शर्मा ओम ने पढ़ा देश भावना के संग मन में भरे उमंग ,हर एक व्यक्ति को प्रणाम करता हूं। सुनाया तो श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई।
कवि प्रमोद पंकज ने सुनाया शब्द गढ़ते तो तुलसी के पुजारी बन गए होते, शूर के सिंधु के तट के प्रभारी बन गए होते।
कवि विनीत सहर जिनको चलने का है जुनून गिर गिर के वह संभलते हैं कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते ना पीछे पछताते हाथ मलते हैं।
इस मौके पर तहसीलदार सुरेन्द कुमार, नायब अकास संत, बार अध्यक्ष, जगदम्बा सिंह,सुरेश मिश्रा आदि मौजूद रहे।