सामुदायिक शौचालय में लटक रहा ताला खुले मैदान में शौच के लिए मजबूर ग्रामीण
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सत्यवान पाल
सूरतगंज बाराबंकी
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे खुले में शौच मुक्त अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाए गए पर आज तक आम जनता उसका उपयोग नही कर पा रही हैं
ये हाकित तब पता चली जब हमारे वाददाता सत्यवान पाल ने ग्राम पंचायतों में जाकर ग्रामीणों से बात की व बने शौचालयों की हकीकत देखी तब जाकर पता चला कि कही न कही ग्राम प्रधान व जिम्मेदार अधिकारियों की मेहरबानी से जसकस शौचालय तो बनवा दिया
लेकिन आधे अधूरे, किसी में टैंकर नही, तो किसी में पाइप नही, या किसी फर्श नही, व कई शौचालयों में तो गढ्ढा भी सही ढंग से नही बनवाये गए।
अगर कंप्लीट भी है तो ऐसे घटिया सामग्री का उपयोग कराया गया है कि जर्जर होकर गिरने लगे है। ऐसे में शौचालयों में ताले डलवा रखे जिससे इसकी हाकित की जानकारी न हो जाए किसी को इसी कारण इसका लाभ आम लोग जरूरत पड़ने पर नहीं ले पा रहे हैं।
जिससे साफ तौर से साबित हो रहा हैं कि भारत सरकार द्वारा खुले में शौच मुक्त के लिए चलाया जा रहा अभियान नाकाम साबित हो रहा है
जिसका जीता जागता उदाहरण आप विकास खण्ड सूरतगंज की दर्जनों ग्राम पंचायतों में देख सकते हैं , जो एक नाम मात्र ही शौचालय बनवाकर पेंटिंग करा दिया गया है।
शौचालय में ताला बंद होने से ग्रामीणों को नही मिल रही सुविधा
विकास खण्ड सूरतगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत दुर्गापुर नौबस्ता के पथरापुर गांव व ग्राम पंचायत क्योंटली , मल्लापुर, हाथोईया आदि ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है।
जहां अब तक न तो बिजली की व्यवस्था हुई है न ही टंकी बैठायी गई है। ऊपर से ताला लटके होने के कारण ग्रामीणों को शौचालय की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
जो लाखो रूपये से बन कर तैयार सामुदायिक शौचालय नाकाम साबित हो रहा है। जबकि ग्रामीणों का कहना ही कि इसकी जानकारी कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को दे चुके है
फिर भी अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
कुछ ही महीनों में बिना उपयोग किये सामुदायिक शौचालयों की हालत हुई खराब
स्थानीय सूरतगंज ब्लॉक के ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव साथ ही जिम्मेदार अधिकारी की मिलीभगत से जमकर धांधली की गई जिससे कई ग्राम पंचायतों में बनवाये गए
सामुदायिक शौचालय की कुछ ही महीनों में हालत खराब जिससे कुछ ही महीनों में बिना उपयोग किये ही जर्जर हालत में टूटने लगे हैं।
आपको बताते चले कि ग्राम पंचायत हरक्का व ग्राम पंचायत हाथोईया, पथरापुर, जिगनी आदि गांवों में बने सामुदायिक शौचालय की हालत खस्ताहाल है।
जिससे आमजनता बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर वही बने सामुदायिक शौचालय की देखभाल व ज्यादा तर समूह की महिलाओं को दिया गया है लेकिन अभी शौचालय का कभी ताला नही खुलता है।
जिससे शौचालय बेकार साबित हो रहा हैं। यही हाल बैरानामऊ मंझारी गांव का है कोई भी व्यक्ति वहां उसका उपयोग करने नहीं जाता है और उसमें भी उसी समय से ताला बंद पड़ा है जब से बनकर कंप्लीट हुआ, यही हाल अन्य ग्राम पंचायतों का है।
इस्तेमाल योग्य नही शौचालय बाहर से पेंट अंदर से बना है कबाड़ ,
सूरतगंज ब्लाक की ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत बनाये गये दर्जनों ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निष्प्रयोज्य साबित हो रहे है।
पिछले वित्तीय वर्ष मे बने ये शौचालय अधिकांश जगहो पर बाहर से पेंट तो कर दिये गये। लेकिन अन्दर से शौचालय की स्थित काफी दशा खराब है। शौचालय में हमेशा ताला बंद रहता है।
जिसके कारण आस पास के लोग काफी परेशान रहते है। लाखो रूपये से बने सामुदायिक शौचालय का प्रयोग न होने से अधिकांश शौचालयों में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है।
वही जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी की लापरवाही के कारण शौचालय बेकार साबित नजर आ रहा है।।