जिम्मेदारों की मिलीभगत से वन माफियाओं ने काटे प्रतिबंधित हरे पेड़
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-विकास पाठक
बनीकोडर-बाराबंकी
रामसनेहीघाट वन रेंज क्षेत्र में परमिट की आड़ में धड़ल्ले से हरे भरे वृक्षों की कटान जारी है। शिकायत पर अधिकारी व कर्मचारी सांठगांठ कर परमिट होने के बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला स्थानीय तहसील के असंद्रा थाना क्षेत्र खेवराजपुर गांव का सामने आया है। जहां पर एक वन माफिया के द्वारा हरा भरा महुआ का पेड़ काटकर गिरा दिया गया।
जिसकी सूचना ग्रामीणों ने स्थानीय पत्रकारों को दी। पत्रकारों की शिकायत पर विभागीय अधिकारी एक ही स्वर में परमिट जारी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया वहीं काटे गए बोटो की टीपी ना होने पर भी विभागीय अधिकारी कार्रवाई से कतराते रहे।
वन माफिया द्वारा काटे गए बोटो को लादकर ठेकी पर पहुंचा दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामसनेहीघाट वन रेंज के अंतर्गत असंद्रा थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में वन माफिया ने हरा भरा महुवा का एक पेड़ काटकर गिरा दिया।
जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने क्षेत्रीय पत्रकारों से की मौके पर पहुंचे करीब आधा दर्जन पत्रकारों ने इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों से दी तो उन्होंने 3 पेड़ों की परमिट जारी होने की बात कही।
जबकि वन माफिया द्वारा दिखाए गए दस्तावेजों में दो वृक्षों आम व शीशम की पेडों की परमिट की थी। महुवा पेड़ की परमिट नदारद थी। लेकिन रामसनेहीघाट रेंजर मोहित श्रीवास्तव व वन दरोगा ओपी यादव की सांठगांठ से दोनों एक ही स्वर में तीन वृक्षों की परमिट होने की बात कहते रहे।
इस संबंध में वन दरोगा ओपी यादव ने बताया कि खेवराजपुर में काटे गए वृक्षों की परमिट जारी है। यही बात रामसनेहीघाट रेंजर मोहित श्रीवास्तव ने भी दोहराया। जबकि नियमतः काटे गए वृक्षों की टीपी ना होने पर उठान नहीं की जा सकती थी।
इसके बावजूद क्षेत्र के वन कर्मचारी वन माफियाओं से मिलकर काटे गए बोटों को ठेके पर पहुंचा दिया। वन विभाग की ऐसी कार्रवाई से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है
कि क्षेत्र में प्रतिदिन वृक्षों की कटान की जा रही है। लेकिन वन कर्मचारी व अधिकारी पैसों के लालच में कार्रवाई से कतराते हैं।