बारिश व खिलती धूप देख किसानों में दिखा कभी खुशी कभी कम का माहौल
न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सत्यवान पाल
सूरतगंज बाराबंकी
रामनगर तहसील अंतर्गत विकास खण्ड सूरतगंज क्षेत्र में कभी धूप तो कभी बेरुखी बारिश व तेज हवा के चलते किसान को जोरदार झटका लगा है जिससे किसान न मरने में हैं न जीने में ऐसा इस लिए कहा गया हैं
कि इस बेरुखी बारिश से गाढ़ी कमाई से तैयार कि कई जसकस धान की फसल बारिश ने ले डूबा। जिससे किसान त्राहि त्राहि कर रहा जो न मरने में हैं न जीने में ऐसे में धान की तैयार हुई फसल को झकझोर कर रख दिया है जिससे ऊपर वाले ने किसानों के मुंह का निवाला तकछीन लिया।
किसान हरिनाम पाल , रामकिशुन यादव, रामलखन निषाद , राजू , ननकू वर्मा, राम भारत यादव आदि का कहते हैं, पिछली बरसात में धान की फसल तहस- नहस हो गई थी, जो बाकी बची तो इस बारिश ने चौपट कर दी जो कटाई करने वाले ही थे व कई लोगो के तो खेतों में कटी पड़ी है जो इस बारिश ने फसल को तहसनहस कर दिया है ।
वही फिर बारिश रुकने का नाम नही ले रहा है और अगर अब बरसात हुई तो हमें लगता है एक दाना भी घर को नहीं ले जा पाएंगे।” अगर दस दिन बारिश न हुई होती तो 60 % किसान फसल काट कर शुरक्षित घर ले आते पर ये सब कुदरत को मंजूर नहीं था।
जिससे किसान अब अंतिम चरण में फसल बर्बाद होने से सदमें में आ चुका है। बारिश के साथ आई तेज हवा ने धान की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। खेतों में लगभग तैयार खड़ी धान की फसल हवा के तेज झोंकों में जमीन पर बिछ गई।
वही किसानों की मानें तो जमीन पर गिरने से धान की पलिया व लांक डूब जा चुकी हैं जिससे फसल को काट कर घर लाना दुर्लफ हो जा चुका हैं।
किसानों के भविष्य पर संकट , मेंथा के बाद धान भी ले डूबी मूसलाधार बारिश
गौरतलब है कि बीते दिनों में लगातार एक हप्ता की बारिश से धान की फसल को नुकसान हुआ पर इतना ज्यादा नही हुआ था।
ऐसे में बची हुई फसल से लागत व मेहनत निकलने की संभावना बरकरार बनी हुई थी। जो इस समय धान की फसल की कटाई का काम भी किसानों ने शुरू कर दिया था। ऐसे में रविवार को दोपहर बाद से शुरू हुई बारिश से खेतों से लेकर खलिहान तक फसल बर्बाद होने से किसान काफी मायूस हैं।
बारिश से खेत से लेकर खलिहान तक पानी भर गया। कटी हुई फसल पानी में डूब गई। वहीं तेज हवा के साथ हुई बारिश से खेतों में खड़ी फसल धराशायी हो गई। ऐसे में जहां धान के उत्पादन में लक्ष्य के अनुरूप कमी आएगी, वहीं लागत निकलना व खाने के लिए भी धान बचा पाना असंभव हैं।
बीते दिनों में हुई मूसलधार बारिश से खेतों में अभी भी नमी कम नहीं हुई थी।
ऐसे में रविवार की दुपहर से बारिश से हुए जलभराव से तिलहन व आलू की बुुआई में भी अब विलंब होगा। जिससे किसानों पर अब संकट मंडराने लगा है ।
किसानों के चेहरे पर झलक रहा कर्ज व खर्च का दर्द
बरबाद हुई फसल के बारे में किसानों ने बताया कि इस बारिश ने उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जो एक तरफ तो मेंथा की फसल नष्ट हुई दूसरी ओर धान की फसल नष्ट हो जा चुकी है अब कैसे काम चलेगा यह समझ में नही आ रहा है।
पूरी फसल खेतों में पानी भर जाने से डूब गई है जो अब सड़ना शुरू हो जाएगी। उनके ऊपर काफी कर्ज है मगर सरकार कर्ज माफ भी कर देती है तो उनके बच्चों के मुंह तक खाने का निवाला कैसे पहुंचेगा।
जो तीन दिन से हो रही भारी बारिश ने जन- जीवन पूरी तरह प्रभावित बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है साथ ही धान,
उड़द व चारा मक्का गन्ना सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा जिससे किसान व जानवरों के लिए बढ़ी समस्याएं।