गाँव के दबंग कांजी हाउस पर अवैध कब्जा कर करा रहे हैं निर्माण प्रशासन बना मूकदर्शक

न्यूज 22 इंडिया
रिपोर्ट-सत्यवान पाल
सूरतगंज बाराबंकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की ‘कांजी हाउस को गो संरक्षण केन्द्र’ में बदलने की योजना परवान नहीं चढ़ सकी है।

आलम यह है,कि गांव के दबंग कांजी हाउस पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराने लगे हैं। जबकि राजस्व विभाग के अभिलेखों में भी यह जमीन कांजी हाउस के नाम दर्ज है।

शिकायत करने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने इस जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग उपजिलाधिकारी रामनगर को प्रार्थना देकर की है।

मालूम हो कि कस्बा सूरतगंज में आज़ादी के समय बनवाई गई।सरकारी कांजी हाउस पर पूर्व प्रधानपति मुस्तकीम ने अवैध कब्जा कर उक्त भूमि पर अपने घर जाने हेतु पंचायत से निजी रास्ता बना लिया है।

साथ ही शेष बची भूमि पर टीन शेड रख कमरे का निर्माण करा लिया है।जिससे सूरतगंज इलाके के ग्रामीणों को पशुओं को बंद करने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है।

गांव के ग्रामीणों ने कई अधिकारियों को प्रार्थना देकर उक्त भूमि से कब्जा मुक्त कराने को ले प्रार्थना पत्र दिया लेकिन किसी अधिकारी ने कब्जा हटवाना उचित नहीं समझा जिससे मुस्तकीम के हौसले काफी बुलन्द है।

गांव के बाबूराम, रिज़वान, सब्बीर, नरेंद्र,शेखर आदि ने उपजिलाधिकारी रामनगर को प्रार्थना पत्र देकर आरोप है लगाया है कि गांव की  पूर्व प्रधान नसीमुन के पति मुस्तकीम ने आवारा पशुओं हेतु गाँव में कई दशक पहले कांजी हाऊस भवन कस निर्माण  कराया गया था

जिसे गांव के मुस्तकीम ने अपनी प्रधानी का फ़ायदा ऊठाकर काँजी हाउस के भवन को तोड़वाकर कर उसमें लगी ईट, टीन शेड को गबन कर लिया और उक्त भूमि पर अपने घर जाने के लिए निजी रास्ता पंचायत निधि से बनवा लिया तथा शेष बची भूमि पर रहने के लिए एक कमरा बनवा लिया है।

ग्रामीणों ने जिसकी शिकायत कई बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर की लेकिन मुस्तकीम की ऊंची पहुँच व दबंगाई की वजह से किसी अधिकारी ने कांजी हाउस से कब्जा मुक्त कराना उचित नही समझा।जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

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