अखाड़ा परिषद मामले का संत निकालेंगे हल :संजय दास

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञान दास जी महाराज के उत्तराधिकारी संजय दास के बेबाक बोल

अयोध्या दर्शन करने चाहे केजरीवाल आये या कोई और! उनके अपमान की परंपरा बिल्कुल गलत

न्यूज 22 इंडिया
कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया
अयोध्या उत्तर प्रदेश
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का जो भी मामला है उसे हमारे परम सम्मानित संत विचारोंपरांत दुरुस्त कर लेंगे ।

क्योंकि इस मामले का हल तो संत ही निकालेंगे। उक्त बात हनुमानगढ़ी के महंत एवं अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष रहे महंत ज्ञान दास जी महाराज के उत्तराधिकारी युवा संत स्वामी संजय दास जी महाराज ने की गई वार्ता के दौरान कही।

स्वामी संजय दास जी महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का गठन 1954 में हुआ था और इसमें तेरह अखाड़े शामिल है। इस परिषद के अध्यक्ष के रूप में सद्गुरु परम पूज्य ज्ञान दास जी महाराज ने भी 12 वर्षों तक कार्यभार संभाला है। उन्होंने अपने कार्यकाल में चारों महाकुंभों को संपन्न कराया है।

संजय दास ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में अध्यक्ष पद को लेकर हो रहा विवाद वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन मेरा मानना है कि परम सम्मानित संत इसका हल जल्दी ही निकाल लेंगे। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद में जिस तरह से इस समय अध्यक्ष पद को लेकर 13 में से कई अखाड़े इधर-उधर पाले में खड़े नजर आ रहे हैं।

उससे कहीं न कहीं पूरा हिंदू समाज भी आहत नजर आ रहा है! लेकिन फिर भी मेरा मानना है कि इसका जल्दी ही कोई अच्छा निर्णय सामने होगा । क्योंकि हमारे संत जो भी फैसला लेंगे वह अच्छा ही लेंगे।

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अयोध्या पहुंचने पर यहाँ उनके तथाकथित विरोध के मुद्दे पर संजय दास ने कहा कि यह अयोध्या में गलत परंपरा का जन्म हो रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग भाजपा अथवा मोदी जी अथवा योगी जी की आड़ में इस गलत परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। वास्तव में ना यह परंपरा हिंदुत्व है और ना ही इसे हम आतिथ्य सत्कार कह सकते हैं। संजय दास ने कहा यह कौन सी परंपरा है कि हम किसी अयोध्या आने वाले व्यक्ति के पोस्टर पर गोबर फेंक दें। उसके सामने गलत ढंग से नारे लगाये।

संजय दास ने कहा कि जो व्यक्ति जैसा सोचता है जैसा करता है। वैसे ही वह अपने कर्मों के प्रतिफल का भागी बनता है। उन्होंने कहा कि भगवान तो बड़े उदार हैं। उन्होंने अपनी शरण में आए हुए हर व्यक्ति का कल्याण किया है।

संजय दास में स्पष्ट कहा कि जो लोग अयोध्या में दर्शन करने आने वाले व्यक्ति का अपमान करते हैं वास्तव में वह अयोध्या की पवित्र संस्कृति का अपमान करते हैं ।संजय दास जी महाराज ने कहा एक संत के लिए सभी राजनीतिक दल एक है, समस्त राजनीतिक नेता एक है।

संत का काम है समाज को सही दिशा देना। इसमें कोई सुधर गया तो अच्छी बात है! जो ना सुधरा उसे तो अपने कर्मों का फल मिलना ही है? संजय दास ने कहा कि आज धर्म की आड़ में कुछ लोग अपने अधर्मी कुकृत्यों को छुपाने का काम करते हैं।

बल्कि धर्म पारदर्शिता का विषय है। धर्म को धारण करना, धर्म के अनुसार आचरण करना, यही मानव का चरित्र है!

उन्होंने कहा कि अयोध्या आने वाला प्रत्येक भक्त ,प्रत्येक दर्शनार्थी समस्त अयोध्या धाम के लिए अत्यंत सम्माननीय है। संजय दास ने कहा कि श्री हनुमान जी महाराज अयोध्या में विचरण करने वाले कालनेमि को भी पहचानते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरणों में भजन करने वाले भक्तों को भी जानते हैं?

एक प्रश्न के उत्तर में संजय दास ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छे नेता है। देश उनके साथ आगे बढ़ रहा है। ऐसे में नरेंद्र मोदी जी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी महाराज के नाम के नारे के साथ अयोध्या में आने वाले किसी भी अतिथि का नारेबाजी के आधार पर अपमान करना यह गलत है।

ऐसा करने वालों को रोका जाना चाहिए। अयोध्या धाम में जो आए उसका स्वागत है। क्योंकि यह भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी की नगरी है। बहुत कुरेदने पर उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि में भी जब विपक्ष का कोई नेता आता है

तो वहां पर उसे दर्शन करने की दूसरी कई व्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है! जबकि जब भाजपा का कोई बड़ा नेता आता है तो उसे ऐसी किसी बंदिशों का सामना नहीं करना पड़ता!

भगवान के मंदिर में सभी के साथ एक जैसा व्यवहार हो! इस पर सरकार -शासन -प्रशासन को ईमानदारी से, पारदर्शिता से वैचारिक होना ही पड़ेगा। अन्यथा व्यवस्था में लगे लोगों को ऐसे विचारों के लिए आगे चलकर दंडित होना पड़ेगा।

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